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कमी है इंसानियत ,ज्यादा है क्रुरता एवं लालच

बनना चाहुंगा पागल

नहीं समझ पाता है

नहीं चाहिए प्रभु हमें तुम्हारी भाषा

तेरे तेवर

जिंदगी का रस

जवानी में जीवन सदा रहना है तो

कामयाबी का अर्थ

कितनी अच्छी है आशा

मेरा कितना कसूर है

आप अच्छे है तो होंगे