विशेष रुप से प्रदर्शित पोस्ट

मुहब्बत का अंज़ाम

 बेताबी बेचैनी को अपनाना  भीड़ में अकेला होना  अकेले में आँसू पीना  प्यार की गीतों में प्यारी नजर आना  निरुत्साह निराश में डुबे रहना  लड़कियों के प्रति नफ़रत होना  जोश मस्ती में मन नहीं लगना  आदि सभी लक्षण आ जाते हैं  अगर मुहब्बत में मन मूर्जाने तो  अतएव कम दिन के  जिंदगी को और जवानी को  प्रेम नामक अभिनय के खातिर  अपना न होने पराया के लिए  त्याग देना महान पाप है  इससे अच्छा  प्रेमनगर के द्वार को बंद करके  स्वर्गनगर के द्वार को  खोलना है उचित।।

कितनी अच्छी है आशा

 कितनी अच्छी है आशा उम्मीद

जीवन में आगे बढ़ने में 

तृप्ति के साथ जीने में

सकारात्मक प्रेरणा पाने में 

सफलता प्राप्त करने में 

सुकून से चैन लेने में

पागलपन खत्म करके 

दीवानापन जगाने में।।


टिप्पणियाँ