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मेरा कितना कसूर है

 कहीं प्रेम के बारे में सुनता हूँ तो 

कभी भी प्रेम की गीत सुनता हूँ तो 

प्रेम की याद आती है तो 

तुरंत तुम्ही याद आती हो 

क्या जिंदगानी है मेरी 

बस तेरी कहानी ही है 

मेरी सारी बातें तुमसे मिलने की ही है 

मेरे सारे कसमे तुमसे मिलने की ही है 

 टूट जाए ना लम्हा इंतजार का 

किसे पता है रब को क्या मंजूर है 

इसमें मेरा कितना कसूर है

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