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मुहब्बत का अंज़ाम

 बेताबी बेचैनी को अपनाना  भीड़ में अकेला होना  अकेले में आँसू पीना  प्यार की गीतों में प्यारी नजर आना  निरुत्साह निराश में डुबे रहना  लड़कियों के प्रति नफ़रत होना  जोश मस्ती में मन नहीं लगना  आदि सभी लक्षण आ जाते हैं  अगर मुहब्बत में मन मूर्जाने तो  अतएव कम दिन के  जिंदगी को और जवानी को  प्रेम नामक अभिनय के खातिर  अपना न होने पराया के लिए  त्याग देना महान पाप है  इससे अच्छा  प्रेमनगर के द्वार को बंद करके  स्वर्गनगर के द्वार को  खोलना है उचित।।

మీ ఓట్లప్పుడు మాత్రమే. रावण.MD

तुम मुझे कौन हो? - रावण.MD

అలవాటు చేసుకోలేక .. रावण.MD

अल्लसानी पेद्दना की मनुचरित्रा में मानवीयता की उद्गम -महादेव

यह गलती हमसे भी हो गई। -Raavan Pual Khan.MD

अन्नदाता सुखिभाव: - మహా దేవుడు చిన్న.M