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आजादी के लिए सब लड़े थे

 कैसे होगी विकास हालत है ऐसी।। आजादी के लिए सब लड़े थे मिलजुल कर हिंदू , मुस्लिम, ईसाई ,सिख, जैन और बौद्ध ब्राह्मण, क्षत्रीय ,वैश्य ,शूद्र ,शेख ,सैयद, एवं पठान SC , ST , BC , OC और OBC ।। मगर जब गाद्दी पर बैठने की समय आया एक ही जाति बैठकर वह सिर्फ अपना जाति, राज्य ,प्रांत व परिवार को ही विकास की ओर लेकर गया और कुर्सी को बचाए रखने के लिए  दूसरा जाती परिवार प्रांत को दूर रखकर उनके कमजोरियों एवं मजबूरियों से प्यार कर अपमान का पहाड़ खड़ा किया परिणाम निकला अलग-अलग होना एक दूसरे पर यकीन ना कर पाना  छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाना अतएव हालत है ऐसी कैसे होगी विकास ।।

ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले हिंदी लेखक

 ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है। यह हर साल भारतीय लेखकों को उनके साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। 

ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले हिंदी लेखकों की सूची इस प्रकार है:

 * सुमित्रानंदन पंत (1968)

 * रामधारी सिंह दिनकर (1972)

 * सच्चिदानंद वात्स्यायन अज्ञेय (1978)

 * महादेवी वर्मा (1982)

 * नरेश मेहता (1992)

 * निर्मल वर्मा (1999)

 * कुंवर नारायण (2005)

 * अमरकांत और श्रीलाल शुक्ल (2009)

 * केदारनाथ सिंह (2013)

 * कृष्णा सोबती (2017)

 *विनोद कुमार शुक्ल (2024)


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