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शिक्षण विधियाँ Teaching methods

Teaching Methods (शिक्षण विधियां) शिक्षण विधि :- प्रतिपादक 1. मांटेसरी विधि :- मारिया मांटेसरी 2. किंडर गार्डन विधि :- फ्रोबेल 3. खेल विधि :- हेनरी कोल्डवेल कुक 4. डाल्टन विधि :- हेलन पार्कहर्स्ट 5. पर्यटन विधि :- पेस्टोलॉजी 6. खोज विधि (ह्यूरिस्टिक विधि या अन्वेषण विधि) :- आर्मस्ट्रांग 7. प्रश्नोत्तर विधि :- सुकरात 8. प्रोजेक्ट विधि :- विलियम हेनरी किलपैट्रिक 9. वैज्ञानिक विधि :- गुडवार स्केट्स 10. समस्या समाधान विधि :- सुकरात 11 सूक्ष्म शिक्षण विधि :- राबर्ट 12 मूल्यांकन विधि :- जे. एम राइस 13 समस्या समाधान विधि :- सुकरात 14 इकाई उपागम :- एच. सी मॉरीसन 15 विनेटिका विधि :- कार्लटन बाशबर्न 16 ड्रेकाली शिक्षण विधि :- ड्रेकाली 17 ब्रेल पद्धति :- लुई ब्रेल 18 प्रक्रिया विधि :- कमेनियस 19 बेसिक शिक्षा पद्धति :- महात्मा गांधी 20 समाजमिति विधि :- एल. मोरेनो 21 आगमन विधि :- अरस्तु 22 निगमन विधि :- अरस्तु 23 हरबर्ट विधि :- हरबर्ट 24 प्रश्नावली विधि :- बुडबर्थ 25 संवाद विधि :- प्लेटो

संबंध सूचक Prepositions


संबंध सूचक


दो बातों के बीच संबंध बतानेवाले शब्दों को 'संबंध सूचक शब्द' कहते हैं।


Preposition:

A Preposition is a word used with a noun or a pronoun to show how the person or thing denoted by the noun or pronoun or something else.


1. के पास -  have, has, near

2. के नीचे క్రింద - under

3. के ऊपर on, upon, above

4. के सामने ఎదురుగా in front of

5. के बाद తరువాత - after

6. के बाहर - outside

7. के साथ - with

8. के अंदर లో, లోపల - inside

9. के लिए కొరకు, కై - for

10. के पीछे behind

11. के यहाँ ఇక్కడ - here

12. की तरह as per, like

13. की तरफ- towards, side

14. की ओर-  side, towards

15. की जगह బదులుగా - instead of

16. के पहले-  before / earlier

17. के बारे में గురించి- about

18. के आगे-  in front of, before




हिंदी व्याकरण में Preposition को 'संबंधबोधक' कहा जाता है।

संबंधबोधक वे शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ दर्शाते हैं। ये शब्द वाक्य में स्थान, समय, दिशा, कारण, आदि का बोध कराते हैं।

उदाहरण: Examples 

 * about (के बारे में): यह किसी विषय या वस्तु के संबंध में बताता है। उदाहरण: "मैंने उसके बारे में सुना।"

 * across (के पार): यह एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने को दर्शाता है। उदाहरण: "वह नदी के पार गया।"

 * after (के बाद): यह किसी घटना के बाद होने को दर्शाता है। उदाहरण: "भोजन के बाद हम घूमेंगे।"

 * around (चारों ओर): यह किसी वस्तु के चारों तरफ होने को दर्शाता है। उदाहरण: "पेड़ के चारों ओर बच्चे खेल रहे थे।"

 * before (के पहले): यह किसी घटना के पहले होने को दर्शाता है। उदाहरण: "परीक्षा से पहले पढ़ाई करो।"

 * between (के बीच): यह दो या दो से अधिक वस्तुओं के मध्य में होने को दर्शाता है। उदाहरण: "राम और श्याम के बीच एक पेड़ है।"

 * into (में): यह किसी वस्तु के भीतर जाने को दर्शाता है। उदाहरण: "वह कमरे में गया।"

 * through (के माध्यम से): यह किसी वस्तु के आर-पार जाने को दर्शाता है। उदाहरण: "वह सुरंग के माध्यम से निकला।"

 * to (को): यह किसी दिशा या उद्देश्य को दर्शाता है। उदाहरण: "वह स्कूल को गया।"

संबंधबोधक के प्रकार:

हिंदी में संबंधबोधक के कई प्रकार होते हैं, जैसे:

 * कालवाचक (समय बताने वाले): जैसे - पहले, बाद, दौरान, आदि।

 * स्थानवाचक (स्थान बताने वाले): जैसे - ऊपर, नीचे, पास, दूर, आदि।

 * दिशावाचक (दिशा बताने वाले): जैसे - ओर, तरफ, दिशा, आदि।

 * कारणवाचक (कारण बताने वाले): जैसे - के कारण, के लिए, के द्वारा, आदि।

 * संबंधवाचक (संबंध बताने वाले): जैसे - का, की, के, आदि।

संबंधबोधक का महत्व:

संबंधबोधक वाक्य को अर्थपूर्ण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनके बिना वाक्य अधूरा या अस्पष्ट हो सकता है।


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