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शिक्षण विधियाँ Teaching methods

Teaching Methods (शिक्षण विधियां) शिक्षण विधि :- प्रतिपादक 1. मांटेसरी विधि :- मारिया मांटेसरी 2. किंडर गार्डन विधि :- फ्रोबेल 3. खेल विधि :- हेनरी कोल्डवेल कुक 4. डाल्टन विधि :- हेलन पार्कहर्स्ट 5. पर्यटन विधि :- पेस्टोलॉजी 6. खोज विधि (ह्यूरिस्टिक विधि या अन्वेषण विधि) :- आर्मस्ट्रांग 7. प्रश्नोत्तर विधि :- सुकरात 8. प्रोजेक्ट विधि :- विलियम हेनरी किलपैट्रिक 9. वैज्ञानिक विधि :- गुडवार स्केट्स 10. समस्या समाधान विधि :- सुकरात 11 सूक्ष्म शिक्षण विधि :- राबर्ट 12 मूल्यांकन विधि :- जे. एम राइस 13 समस्या समाधान विधि :- सुकरात 14 इकाई उपागम :- एच. सी मॉरीसन 15 विनेटिका विधि :- कार्लटन बाशबर्न 16 ड्रेकाली शिक्षण विधि :- ड्रेकाली 17 ब्रेल पद्धति :- लुई ब्रेल 18 प्रक्रिया विधि :- कमेनियस 19 बेसिक शिक्षा पद्धति :- महात्मा गांधी 20 समाजमिति विधि :- एल. मोरेनो 21 आगमन विधि :- अरस्तु 22 निगमन विधि :- अरस्तु 23 हरबर्ट विधि :- हरबर्ट 24 प्रश्नावली विधि :- बुडबर्थ 25 संवाद विधि :- प्लेटो

शिक्षक दिवस पर भाषण

 शिक्षक दिवस पर भाषण 


आदरणीय मंच, मंच पर आसीन प्रधान अध्यापक जी साथी अध्यापक गण ,अध्यापिका गण और छात्र , छात्राओं आप सभी को शुभोदय ।

आज हम यहाँ शिक्षक दिवस मनाने जा रहे हैं । इस शिक्षक दिवस की जड़े डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी से जुड़ी है जिनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी के तिरत्तनी नामक गाँव में हुआ । डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी अपनी पढ़ाई पूरा होने के बाद पहला अध्यापक बने उसके बाद आचार्य ,प्राचार्य , उपराष्ट्रपति एवं राष्ट्रपति बने। वे विभिन्न पदों पर कार्यरत होने का बाद भी शिक्षक पद को ही उत्तम मानते थे। वे इन शिक्षा जगत में प्रसिद्ध शिक्षक अकादमी दिग्गज बने । इसलिए 1962 में राष्ट्रपति बनने के बाद उनका जन्मदिन मनाने को उनके पास उनके छात्र गए तो उन्होंने अपने मन की बात कही । 

वह यह बात है कि समाज में नागरिकों के प्रति शिक्षक महत्वपूर्ण योगदान होता है पुराण से लेकर आज तक भी वही महत्वपूर्ण योगदान बना रहा। शिक्षक भी अपने निजी जीवन को त्याग कर बिना लाभ के छात्रों को जीवन के रास्ता दिखाता है। हर एक शिक्षक अपने छात्रों को अच्छे नागरिक बनाने को उच्च स्थान पर बिठाने की प्रयास करता है।  ऐसे शिक्षकों की हालत आजकल बहुत खराब है उनके उचित स्थान, न्याय दिलाना है। इसलिए मैं चाहता हूँ कि इस जन्मदिन को जन्मदिन के स्थान पर शिक्षक दिवस मनाने तो बेहतर होगा क्योंकि मैं तो जीवन भर शिक्षक रहा।  

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 तब उनके सभी छात्र सभी लोग भारत रत्न डॉक्टर राधाकृष्णन जी के जन्मदिन पर शिक्षक दिवस के रूप में धूमधाम से मनाये थे। 

     राधा कृष्ण जी कहते थे कि हर एक अध्यापक को यह लक्षण होना चाहिए कि मेहनती , देखभाल करने वाला ,प्रशंसक ,विनम्र, सम्मानित एवं चमत्कार करने वाला आदि लक्षण होना चाहिए। मैं चाहता हूँ कि हम सब इन लक्षणों को अपनाकर हमारे छात्रों के जीवन बेहतर, श्रेष्ठ, अति उत्तम बनाएँगे । 

    इस अवसर दिया हुआ आप सभी को धन्यवाद।।

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