विशेष रुप से प्रदर्शित पोस्ट

सच है सनम

 सच है सनम सदा रही मन, तेरी सपनों में वैसे भी संपूर्ण नींद सोकर भी हुए बहुत साल  हर दिन सोना पडरहा है जबरदस्ती से  न जाने कितने सोचुं पर आशिक़ी सुनने तो देखने तो बोलने तो पढ़ने तो लिखने तो सनम तेरी कसम सिर्फ तुम ही याद आती हो न मिलोगी माने जानने के बावजूद तेरे फोटो देख कर मन को शांत कर देता हूँ ।।

तुम मुझे कौन हो? - रावण.MD

 तुम मुझे कौन हो ।

तुम मुझे कौन हो

अभी तक समझ में नहीं आ रही हो ।

खड़े चमक रूप से ,

मेरी नजर को चुराई हो।

आदर्श भावनाओं का जाल से,

मेरे मन को जीती हो ।

होंठों पर सच्चाई ,

दिल में सफाई ,

व्यवहार में चमत्कार

व्यक्तित्व में स्थिर ,

सबके साथ स्नेहशील ,

अच्छाई में ममता ,

आवेश में गुस्सा ,

मूर्खता से दूर ,

यथार्थता का के पास ,

दूसरों का सिर्फ भलाई ...

मुझे अपना बना कर

नस-नस में समाई है ।

किंतु तेरी हरकतों से

कभी-कभी लगता है मुझे,

तुम मुझे कौन हो ।।

टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
आदर्श भावनाओं के जाल से ।मेरी नजर चुराई हो
Mahaa bhoj ने कहा…
Your good name please
www ने कहा…
Name : Unknown User