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अब भी तेरा ही इंतजार !! -Raavan Paul Khan.MD

 

गरजे मेघ, बहे ठंडी हवा,

चमके बिजली, झरती धाराएँ 

झूलता मन में जगाए कई स्मृतियाँ  

गरम कर दी ठंड में भी।। 

उबले जवानी, पागल सी मन 

तरसे आँखें , उमड़े विरह 

तेरे संग की चाह,

दौड़ाएँ कल्पनाएँ,

उबरे आशाएँ

गिरकर बूंद-बूंद के रूप में 

बरसे बारिश मेरे मन में 

सावन लाए हैं मेरे मन में

तेरी यादों के रूप में ।।

मेरे खुशी तेरे आंगन 

मेरे आनंद तेरी संग

तेरी बात मेरी उमंग 

आशा है हमारे मिलन

अतः आ जाओ सनम 

अभी भी तेरा ही इंतजार है ।।

                       - रावण.MD


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