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क्या हम जो चाहते हैं वही सपने आते हैं ?

 

क्या हम जो चाहते हैं वही सपने आते हैं ?

“मुझे हर दिन कुछ न कुछ सपने आते ही रहते हैं| आप को सरल हिन्दी भाषा में बताने कि कोशिश करूंगी” – लेखिका 

 

आज का @ अधूरा सपना

 

क्या बताऊँ तुम्हें! क्यूँ कि मुझे एक ही घटना याद है|

किसी की शादी हो चुकी हैं| लेकिन दूल्हे के शरीर में एक आत्मा घुसी है!

 

सब को पता चला हैं कि उस दूल्हे के शरीर में आत्मा पहुँच चुकी हैं -

वह दूल्हा बेहोश हो चुका है, उस शरीर से आत्मा को बहार निकालने के लिए हमारे खेत के पास कुमकुम और हल्दी से कुछ यज्ञ / पूजा शुरू किए हैं|

 

बस, इतना ही मैं नींद से बाहर आई, इस तरह शैतान / आत्मा के सपने और कितने दिन परेशान करेंगे मुझे ? जो भी होगा देखा जाएगा ;

 

पात्र : गीता
टंकण कार्य : मणि

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