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आजादी के लिए सब लड़े थे

 कैसे होगी विकास हालत है ऐसी।। आजादी के लिए सब लड़े थे मिलजुल कर हिंदू , मुस्लिम, ईसाई ,सिख, जैन और बौद्ध ब्राह्मण, क्षत्रीय ,वैश्य ,शूद्र ,शेख ,सैयद, एवं पठान SC , ST , BC , OC और OBC ।। मगर जब गाद्दी पर बैठने की समय आया एक ही जाति बैठकर वह सिर्फ अपना जाति, राज्य ,प्रांत व परिवार को ही विकास की ओर लेकर गया और कुर्सी को बचाए रखने के लिए  दूसरा जाती परिवार प्रांत को दूर रखकर उनके कमजोरियों एवं मजबूरियों से प्यार कर अपमान का पहाड़ खड़ा किया परिणाम निकला अलग-अलग होना एक दूसरे पर यकीन ना कर पाना  छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाना अतएव हालत है ऐसी कैसे होगी विकास ।।

प्लास्टिक प्रदूषण पर भाषण

 नमस्ते,

आज हम सब एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर बात करने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं - प्लास्टिक प्रदूषण। यह एक ऐसी समस्या है जो हमारे पर्यावरण और हमारे भविष्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है।

प्लास्टिक एक ऐसी सामग्री है जो हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गई है। सुबह टूथब्रश से लेकर रात को खाने के डिब्बे तक, प्लास्टिक हर जगह मौजूद है। लेकिन, क्या हमने कभी सोचा है कि हमारे द्वारा फेंका गया प्लास्टिक कहाँ जाता है?

हर साल लाखों टन प्लास्टिक कचरा हमारे महासागरों, नदियों और ज़मीन में चला जाता है। यह कचरा समुद्री जीवों को नुकसान पहुँचाता है, मिट्टी को बंजर बनाता है और हमारे पीने के पानी को भी प्रदूषित करता है। प्लास्टिक को पूरी तरह से नष्ट होने में सैकड़ों साल लग जाते हैं, और इस दौरान यह छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटकर और भी खतरनाक हो जाता है, जिन्हें माइक्रोप्लास्टिक कहते हैं। ये माइक्रोप्लास्टिक हमारे भोजन और पानी के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर रहे हैं।

तो, इस समस्या का समाधान क्या है?

इसका समाधान बहुत सरल है और हमारे अपने हाथों में है। हमें 3 R's के सिद्धांत को अपनाना होगा:

 * Reduce (कम करें): सबसे पहले, प्लास्टिक का उपयोग कम करें। सिंगल-यूज़ प्लास्टिक जैसे प्लास्टिक बैग, स्ट्रॉ और बोतलें इस्तेमाल करना बंद करें। खरीदारी के लिए कपड़े का थैला ले जाएं और अपनी खुद की पानी की बोतल साथ रखें।

 * Reuse (पुन: उपयोग करें): प्लास्टिक की वस्तुओं को फेंकने के बजाय उनका दोबारा उपयोग करें। प्लास्टिक की बोतल को पानी भरने के लिए या कंटेनर को कुछ रखने के लिए इस्तेमाल करें।

 * Recycle (पुनर्चक्रण करें): जिस प्लास्टिक का उपयोग करना ज़रूरी है, उसे सही जगह पर रीसायकल करें ताकि उसका दोबारा उपयोग हो सके।

प्लास्टिक को कम करना सिर्फ एक सरकारी या संस्थागत जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सब की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। हमें छोटे-छोटे बदलाव करने होंगे। एक-एक कदम उठाकर हम सब मिलकर एक बड़ा फर्क ला सकते हैं।

आइए, हम सब मिलकर यह शपथ लें कि हम प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने में अपना योगदान देंगे। आइए, अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य का निर्माण करें

धन्यवाद।

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