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आजादी के लिए सब लड़े थे

 कैसे होगी विकास हालत है ऐसी।। आजादी के लिए सब लड़े थे मिलजुल कर हिंदू , मुस्लिम, ईसाई ,सिख, जैन और बौद्ध ब्राह्मण, क्षत्रीय ,वैश्य ,शूद्र ,शेख ,सैयद, एवं पठान SC , ST , BC , OC और OBC ।। मगर जब गाद्दी पर बैठने की समय आया एक ही जाति बैठकर वह सिर्फ अपना जाति, राज्य ,प्रांत व परिवार को ही विकास की ओर लेकर गया और कुर्सी को बचाए रखने के लिए  दूसरा जाती परिवार प्रांत को दूर रखकर उनके कमजोरियों एवं मजबूरियों से प्यार कर अपमान का पहाड़ खड़ा किया परिणाम निकला अलग-अलग होना एक दूसरे पर यकीन ना कर पाना  छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाना अतएव हालत है ऐसी कैसे होगी विकास ।।

अक्टूबर 2 निबंध)

 १. परिचय: २ अक्टूबर को भारत में 'गांधी जयंती' के रूप में मनाया जाता है, जो एक राष्ट्रीय त्यौहार है।

२. महात्मा गांधी का जन्म: यह दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

३. अहिंसा का प्रतीक: गांधी जयंती अहिंसा, सत्य और शांति के सिद्धांतों का प्रतीक है, जिन्हें गांधीजी ने जीवन भर अपनाया।

४. राष्ट्रीय अवकाश: इस दिन पूरे भारत में सरकारी अवकाश होता है।

५. श्रद्धांजलि: देश भर में लोग बापू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

६. राजघाट पर समारोह: नई दिल्ली में राजघाट, जहां गांधीजी की समाधि है, पर विशेष प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं।

७. स्वच्छता अभियान: इस दिन कई स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाए जाते हैं, जो गांधीजी के 'स्वच्छ भारत' के सपने को दर्शाता है।

८. बच्चों की भागीदारी: स्कूलों में बच्चे गांधीजी के जीवन पर आधारित नाटक, भाषण और देशभक्ति गीत प्रस्तुत करते हैं।

९. सर्वधर्म समभाव: इस दिन विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ मिलकर सर्वधर्म समभाव का संदेश देते हैं।

१०. प्रेरणा का स्रोत: २ अक्टूबर हमें गांधीजी के आदर्शों का पालन करने और एक बेहतर समाज के निर्माण की प्रेरणा देता है।

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