विस्मयादिबोधक (Interjection)
परिभाषा Definition
वक्ता (बोलने वाले) के मन के अचानक (Suddenly) उत्पन्न हुए भावों को व्यक्त करने वाले शब्दों को विस्मयादिबोधक (Interjection) कहते हैं।
(जैसे - खुशी, दुख, आश्चर्य, घृणा, प्रशंसा, भय, चेतावनी आदि)
ये शब्द सामान्यतः वाक्य के आरंभ में आते हैं और इनके बाद विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) का प्रयोग किया जाता है।
विस्मयादिबोधक के कुछ सामान्य उदाहरण और उनके भाव (Examples):
* आश्चर्य:
* अरे! तुम कब आए?
* वाह! क्या खूब लिखा है!
* ओह! यह कैसे हो गया?
* खुशी/प्रसन्नता: happyness
* वाह! कितना सुंदर दृश्य है!
* अहा! कितना मज़ा आया!
* शाबाश! तुमने कमाल कर दिया!
* दुख/शोक: sadness
* हाय! वह बेचारा मर गया।
* आह! कितना दर्द है!
* उफ! यह क्या हो गया!
* घृणा/तिरस्कार:
* छिः! कितनी गंदगी है!
* धिक्कार है! ऐसे इंसान पर।
* स्वीकृति/संबोधन:
* जी हाँ! मैं ज़रूर आऊँगा।
* अजी! सुनती हो?
* चेतावनी/सावधानी: Warning
* खबरदार! दोबारा ऐसा मत करना।
* बचो! वहाँ गड्ढा है।
* प्रशंसा:
* वाह! क्या बात है!
* सुंदर!
विस्मयादिबोधक की मुख्य विशेषताएँ:
* अचानक भाव व्यक्त करना: ये शब्द बिना किसी पूर्व विचार के अचानक मुख से निकलते हैं।
* वाक्य से स्वतंत्र: इनका वाक्य के व्याकरणिक ढांचे से सीधा संबंध नहीं होता। इन्हें हटा देने पर भी वाक्य का अर्थ आमतौर पर बना रहता है।
* विस्मयादिबोधक चिन्ह (!): इनके बाद हमेशा विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
* अविकारी शब्द: ये अव्यय की श्रेणी में आते हैं, यानी इन पर लिंग, वचन, काल, कारक आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
संक्षेप में, विस्मयादिबोधक शब्द हमारी भावनाओं को तीव्रता से प्रकट करने का एक सशक्त माध्यम हैं।
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