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आजादी के लिए सब लड़े थे

 कैसे होगी विकास हालत है ऐसी।। आजादी के लिए सब लड़े थे मिलजुल कर हिंदू , मुस्लिम, ईसाई ,सिख, जैन और बौद्ध ब्राह्मण, क्षत्रीय ,वैश्य ,शूद्र ,शेख ,सैयद, एवं पठान SC , ST , BC , OC और OBC ।। मगर जब गाद्दी पर बैठने की समय आया एक ही जाति बैठकर वह सिर्फ अपना जाति, राज्य ,प्रांत व परिवार को ही विकास की ओर लेकर गया और कुर्सी को बचाए रखने के लिए  दूसरा जाती परिवार प्रांत को दूर रखकर उनके कमजोरियों एवं मजबूरियों से प्यार कर अपमान का पहाड़ खड़ा किया परिणाम निकला अलग-अलग होना एक दूसरे पर यकीन ना कर पाना  छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाना अतएव हालत है ऐसी कैसे होगी विकास ।।

पठित गद्यांश

 भाग - ।।

13(1) गद्यांश पढकर उत्तर पहचानकर लिखिए। (तताँरा-वामीरो कथा डायरी का एक पन्ना) 5 X 1-5 M


26 जनवरी 1931 आज का दिन तो अमर दिन है ..... खर्च किया गया था। (डायरी का एक पन्ना)


प्रश्न: 

1)26 के दिन कौन-सा दिवस मनाया गया ?

2)प्रचार में कितने रूपये खर्च हुए हैं ?

3) कौन-सा दिन अमर दिन है ?

4) गत वर्ष का हिस्सा कैसा था ?

5) आज के दिन ही स्वतंत्रता दिवस कहाँ मनाया गया था?

6) दिवस के लिए पहले से की गयी थी ?

7) यह अनुच्छेद किस पाठ से लिया गया है ?

8) इस अनुच्छेद के लेखक कौन थे ?




13(2) मोनुमेंट के नीचे जहाँ शाम को सभा... वे भीतर नहीं जा सके (डायरी का एक पन्ना )




प्रश्न:

 1) 26 शाम को सभा कहाँ होने वाली थी ?

3) श्रद्धानंद पार्क में किसने झंडा गाडा ?

2) मोनुमेंट को किसने घेर लिया था ?

5) सुंदरी पार्क में कौन झंडा फहराने गये ?

4) अविनाश बाबू ने झंडा कहाँ गाडा ?

6) हरिश्चंद्र सिंह कहाँ झंडा गाडा

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