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आजादी के लिए सब लड़े थे

 कैसे होगी विकास हालत है ऐसी।। आजादी के लिए सब लड़े थे मिलजुल कर हिंदू , मुस्लिम, ईसाई ,सिख, जैन और बौद्ध ब्राह्मण, क्षत्रीय ,वैश्य ,शूद्र ,शेख ,सैयद, एवं पठान SC , ST , BC , OC और OBC ।। मगर जब गाद्दी पर बैठने की समय आया एक ही जाति बैठकर वह सिर्फ अपना जाति, राज्य ,प्रांत व परिवार को ही विकास की ओर लेकर गया और कुर्सी को बचाए रखने के लिए  दूसरा जाती परिवार प्रांत को दूर रखकर उनके कमजोरियों एवं मजबूरियों से प्यार कर अपमान का पहाड़ खड़ा किया परिणाम निकला अलग-अलग होना एक दूसरे पर यकीन ना कर पाना  छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाना अतएव हालत है ऐसी कैसे होगी विकास ।।

Q.no 12 शुद्ध रूप

 


Question: में आज स्कूल जाना चाहिए।

 इस वक्य का शुद्ध रूप लिखिए

शुद्ध रूप का अर्थ है किसी शब्द या वाक्य को व्याकरण के नियमों( लिंग,वचन, काल ) के अनुसार सही ढंग से लिखना

शुद्ध रूप (సరైన రూపం) అంటే వ్యాకరణ నియమాల ప్రకారం (लिंग Gender,वचन Number, काल Tense) సరిగ్గా ఒక పదం లేదా వాక్యాన్ని రాయడం.

Answer: मुझे आज स्कूल जाना चाहिए


वह रोज स्कूल जाना चाहिए ( अशुद्ध रूप)

उसे (उसको) रोज स्कूल जाना चाहिए (शुद्ध रूप)


सीता की बेटा सुरेश है।

सीता का वेटा सुरेश है।


रंगा का बेटा का नाम राजेश ।

रंगा के बेटे का नाम राजेश है ।


दशरथ की तीन रानियाँ थीं

दशरथ के तीन रानियाँ थी ।


इस शहर में नदी बह रहा है।

इस शहर में नदी बह रही है।


लडकियाँ को बुलाओ ।

लडकियों को बुलाओ ।


कल स्कूल छुट्टी था ।

कल स्कूल की छुट्टी थी।


खबर जरूर मिलेगा ।

खबर जरूर मिलेगी ।


मैं भाई के साथ जा रहे हैं

मैं भाई के साथ जा रहा हूँ।


तुम मंदिर जाता हूँ

तुम मंदिर जाते हो ।


वह स्कूल जाता हूँ

वह स्कूल जाता है


आप हिंदी सीखेगा

आप हिंदी सीखेंगे ।


राम हिंदी पढती है।

राम हिंदी पढता है।


मैं मेरे पिताजी के साथ चलता हूँ।

मैं अपने पिताजी के साथ चलता हूँ


वह उसके कमरे में सोता है।

वह अपने कमरे में सोता है।


मैंने फल लाया

मैं फल लाया


सीता ने काम कर सका

सीता काम कर सकी ।


राम ने हिंदी में बोली

राम हिंदी में बोला ।


तुम उसको दो फल दोओ ।

तुम उसे दो फल दो ।


तुम हिंदी सीखिए

तुम हिंदी सीखो


आप मंदिर जाओ ।

आप मंदिर जाइए ।


आप यहँ नहीं पढिए

आप यहाँ मत पढिए ।




शुद्ध रूप का अर्थ है किसी शब्द या वाक्य को व्याकरण के नियमों के अनुसार सही ढंग से लिखना या बोलना। भाषा में शुद्ध रूप का बहुत महत्व है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि हम जो कहना चाहते हैं वह स्पष्ट और सही ढंग से समझा जाए।

शुद्ध रूप के महत्व:

 * स्पष्टता: शुद्ध रूप का उपयोग करने से अर्थ स्पष्ट होता है और गलतफहमी की संभावना कम हो जाती है।

 * प्रभावशीलता: शुद्ध भाषा का उपयोग करने से हमारी बात अधिक प्रभावी और विश्वसनीय लगती है।

 * मानकता: शुद्ध रूप भाषा की मानक स्थिति को बनाए रखने में मदद करता है।

 * शिक्षा: शुद्ध रूप का ज्ञान छात्रों को सही ढंग से लिखने और बोलने में मदद करता है।

शुद्ध रूप के कुछ उदाहरण:

 * अशुद्ध: मैंनें खाना खाया।

 * शुद्ध: मैंने खाना खाया।


 * अशुद्ध: वह मेरे से बड़ा है।

 * शुद्ध: वह मुझसे बड़ा है।


 * अशुद्ध: कृपया करके मेरी मदद करो।

 * शुद्ध: कृपया मेरी मदद करो।


 * अशुद्ध: वह बहुत ही सुन्दर है।

 * शुद्ध: वह बहुत सुंदर है।


शुद्ध रूप के नियम:

 * वर्तनी: शब्दों को सही ढंग से लिखना।

 * व्याकरण: संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण आदि का सही उपयोग     करना।

 * विराम चिह्न: वाक्यों में उचित विराम चिह्नों का उपयोग करना।

 * शब्द चयन: सही शब्दों का चयन करना।


शुद्ध रूप सीखने के लिए सुझाव:

 * नियमित रूप से पढ़ें और लिखें।

 * व्याकरण के नियमों का अध्ययन करें।

 * शब्दकोश का उपयोग करें।

 * शुद्ध भाषा बोलने वाले लोगों से बात करें।

 * अपनी गलतियों से सीखें।

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