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MahaabhojMD
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नमस्कार मैं हूँ महादेव ।
मेरे परम मित्र संतोष और स्तिथि की शादी में आया हूँ। शादी में मेहंदी कार्यक्रम चल रहा था। उस वक्त में स्थिति अचानक अपने परिवार को लेकर भावुक हुई है। उस वक्त में उसे कुछ शब्द कहने की कोशिश किया था। मगर नहीं कह पाया। इसलिए कमरे में आने के बाद कविता के रूप में अपने विचार व्यक्त किया हूँ।
चिंता मत करो, संतोष में रहोगी
स्थिति, तुम जरूर नसीब वालीं बनी रहोगी ।।
आवश्य अपने माता-पिता सदा सुखी होंगे
अपने भाई-बहन को कष्टों में जरूर कंधे देंगे ।।
तेरी हर आँसू को पूँछने वाला बनेगा
दुख में तेरी दुर्ग माता रूप को
समझने वाला बनेगा ।।
क्योंकि परिवार में प्रेम बढ़ने के लिए
जितने गुण चाहिए ,
वो सभी गुण भरा हुआ है पाजी में ।।
मन जीतने तक बातें बनाना
ज्यादा उड़ने तो मज़ाक में उतारना
आनंद को एक क़दम आगे बढ़ाना
द्वेष को एक क़दम पीछे लेकर जाना
किसी से भी अनजान में गलती हो गई तो
मामला को बिगाड़ना नहीं देना
माफी मांगने में भी नहीं शर्माना आदि
सभी गुण भरा हुआ है पाजी में ।।
वैसे
तेरी जैसी समझदार, दिलदार
एवं होशियार को
भगवान कभी भी भला करेगा
तुमलोग दोनों परिवारों को
आन-बान-शान बनेंगे
तेरी जोड़ी कभी भी सलामत रहेगी
अतः चिंता मत करो, संतोष में रहोगी ।।
स्थिति, तुम जरूर नसीब वालीं बनी रहोगी।।
- महादेव
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