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आजादी के लिए सब लड़े थे

 कैसे होगी विकास हालत है ऐसी।। आजादी के लिए सब लड़े थे मिलजुल कर हिंदू , मुस्लिम, ईसाई ,सिख, जैन और बौद्ध ब्राह्मण, क्षत्रीय ,वैश्य ,शूद्र ,शेख ,सैयद, एवं पठान SC , ST , BC , OC और OBC ।। मगर जब गाद्दी पर बैठने की समय आया एक ही जाति बैठकर वह सिर्फ अपना जाति, राज्य ,प्रांत व परिवार को ही विकास की ओर लेकर गया और कुर्सी को बचाए रखने के लिए  दूसरा जाती परिवार प्रांत को दूर रखकर उनके कमजोरियों एवं मजबूरियों से प्यार कर अपमान का पहाड़ खड़ा किया परिणाम निकला अलग-अलग होना एक दूसरे पर यकीन ना कर पाना  छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाना अतएव हालत है ऐसी कैसे होगी विकास ।।

शिक्षक दिवस कार्यक्रम anchoring

शिक्षक दिवस कार्यक्रम:

शुरुआत ANCHOR: सभी को अध्यापक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। इस पावन अवसर पर मैं प्रधानाध्यापक डॉ. हनुमंतय्य जी को आमंत्रण करूंगा कि वह आकर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित करें। 

  (प्रधानाध्यापक आने के बाद) उनके साथ साथ मैं सभी अध्यापक गण और गैर शिक्षण कर्मचारी (All teaching and non teaching staff) से आग्रह करूंगा कि वह सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित करें।  (सभी अध्यापक गण और गैर शिक्षण कर्माचारी राधा कृष्ण चित्र को फूल अर्पित करेंगे)। 

ANCHOR:मैं प्रधानाध्यापक से आग्रह करूंगा कि वह इस शुभ अवसर पर अपने संदेश दें।

(प्रधानाध्यापक का संदेश ,)

ANCHOR: धन्यवाद सर जी बहुत अच्छे अच्छी बात कहे।  

   शिक्षक दिवस पावन अवसर पर हमारे विद्यालय के छात्र राधा कृष्ण के बारे में अपने विचार व्यक्त करना चाहते हैं उनमें से हर्षिता को पहला आमंत्रण करूंगा वह आकर अपने विचार व्यक्त करें।

(छात्र का भाषण)

ANCHOR: शबाश, बहुत अच्छा से अपनी विचार व्यक्त की है। मैं अभी दूसरा छात्र वरालक्ष्मी को बुलाना चाहता हूँ, वह आकर अपने विचार व्यक्त  करें।

(छात्र का भाषण)

ANCHOR: शबाश अच्छी प्रस्तुति है।

ANCHOR: धन्यवाद प्रस्ताव।











 Agenda: 

I.शुरुआत

   सर्वपल्ली राधाकृष्णन चित्र पर पुष्प अर्पण आमंत्रण

(प्रधानाध्यापक,अध्यापकगण एवं गैर शिक्षण कर्मचारी) 

II.प्रधानाध्यापक संदेश

III.पहला छात्र भाषण

IV. दुसरा छात्र भाषण

V. धन्यवाद प्रस्ताव


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