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मुहब्बत का अंज़ाम

 बेताबी बेचैनी को अपनाना  भीड़ में अकेला होना  अकेले में आँसू पीना  प्यार की गीतों में प्यारी नजर आना  निरुत्साह निराश में डुबे रहना  लड़कियों के प्रति नफ़रत होना  जोश मस्ती में मन नहीं लगना  आदि सभी लक्षण आ जाते हैं  अगर मुहब्बत में मन मूर्जाने तो  अतएव कम दिन के  जिंदगी को और जवानी को  प्रेम नामक अभिनय के खातिर  अपना न होने पराया के लिए  त्याग देना महान पाप है  इससे अच्छा  प्रेमनगर के द्वार को बंद करके  स्वर्गनगर के द्वार को  खोलना है उचित।।

अच्छे दिन आ गए औरत तुझे

 शक्ति हासिल की तू 

किसी को भी उँगली पर नचाने की 

अच्छे दिन आ गए औरत 

तुझे अच्छे दिन आ गए 

यथार्थ को आदर्श से 

आदर्श को यथार्थ से 

प्रशासनिकता को  मित्रता से 

मित्रता को प्रशासनिकता से 

कट्टरता को श्रृंगार से 

श्रंगार को कट्टरता से 

तर्क को मानवता से 

मानवता को तर्क से  

मैनर्स को रोमांस से 

रोमांस को मैनर्स से 

कभी समानता माने 

कभी औरत हूँ माने ।। 






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