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मुहब्बत का अंज़ाम

 बेताबी बेचैनी को अपनाना  भीड़ में अकेला होना  अकेले में आँसू पीना  प्यार की गीतों में प्यारी नजर आना  निरुत्साह निराश में डुबे रहना  लड़कियों के प्रति नफ़रत होना  जोश मस्ती में मन नहीं लगना  आदि सभी लक्षण आ जाते हैं  अगर मुहब्बत में मन मूर्जाने तो  अतएव कम दिन के  जिंदगी को और जवानी को  प्रेम नामक अभिनय के खातिर  अपना न होने पराया के लिए  त्याग देना महान पाप है  इससे अच्छा  प्रेमनगर के द्वार को बंद करके  स्वर्गनगर के द्वार को  खोलना है उचित।।

अलविदा मेरे दिल की धड़कन

 कहीं भी रहो कैसे भी रहो 

हम , मैं एवं तुम  हो जाने तो भी 

तेरी भलाई ही मेरी चाहत है 

इसलिए तुमसे दूर जी रहा हूँ 

 जिंदा लाश बन कर ।।

जो सोचते हैं वह होते नहीं 

जो होते हैं वह सोचते नहीं 

जो कुछ हो रहा है वह सब 

हमारे अच्छाई के लिए माने 

मानना ही मानव की शुभ काम है

अतः तुमसे दूर जा रहा हूँ  ।।

मेरे बराबर माने सोच कर 

दिल दे कर बैठा था 

मगर तुम्हारा स्तर उच्च माने 

नहीं समझपाया तेरी व्यवहार से …

मेरे मन को मंदिर बना कर 

तुझे मेरी देवता मानकर

पूजा करता था 

तुम ही न रह पाकर दूर-दूर भागकर

अनसुना अनदेख कर रही हो।

तेरी भलाई चाहने वाला हूँ 

वह भलाई अगर तुझे छोड़ना ही है तो 

नहीं छोड़ सकता हूँ क्या

तेरे लिए कुछ भी करने का तैयार हूँ मोति ।।

मन देना सच है तो 

उसकी भलाई चाहना ही 

उसकी सबूत है ।।

अब सदा मेरी दुआ यही है कि 

तेरे सारे सपना सकार हो 

तेरी सारी आशाएँ पूरी हो

तेरा जीवन प्रकृति से ज्यादा सुंदर हो 

सफलता हरपल तेरी मुट्ठी में हो

सदा खुश रहो, मुस्कुराते रहो

अलविदा मेरे दिल की धड़कन 

अलविदा।।


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