विशेष रुप से प्रदर्शित पोस्ट

आजादी के लिए सब लड़े थे

 कैसे होगी विकास हालत है ऐसी।। आजादी के लिए सब लड़े थे मिलजुल कर हिंदू , मुस्लिम, ईसाई ,सिख, जैन और बौद्ध ब्राह्मण, क्षत्रीय ,वैश्य ,शूद्र ,शेख ,सैयद, एवं पठान SC , ST , BC , OC और OBC ।। मगर जब गाद्दी पर बैठने की समय आया एक ही जाति बैठकर वह सिर्फ अपना जाति, राज्य ,प्रांत व परिवार को ही विकास की ओर लेकर गया और कुर्सी को बचाए रखने के लिए  दूसरा जाती परिवार प्रांत को दूर रखकर उनके कमजोरियों एवं मजबूरियों से प्यार कर अपमान का पहाड़ खड़ा किया परिणाम निकला अलग-अलग होना एक दूसरे पर यकीन ना कर पाना  छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाना अतएव हालत है ऐसी कैसे होगी विकास ।।

जी लूंगा पगली मैं जी लूंगा -Ravan.MD

जी लूंगा पगली मैं जी लूंगा 

 तेरे साथ हुई मुलाकात की यादों से 

तुम मुझसे, मैं तुझ से की गई बातों से 

मैं तुझे, तुम मुझे देखी गई नजरों से 

तेरे साथ बीती हर पल की यादों से 

जी लूंगा पगली मैं जी लूंगा ।।

सपनों में की गई तेरे इंतजारों से 

सपनों में हम घूमे- फिरे बैठे-उठे सुंदर प्रकृति से 

सपनों में हम ठहले समुंदर किनारों से 

सपनों में देखी हर सिनेमाओं से 

सपनों में मिली हमारे नजरों से 

सपनों में हुई हमारी शादीयों से 

सपनों में पैदा हुए हमारे बाल-बच्चीयों से 

सपनों में रखे गए उनके नामों से 

सपनों में दिलवाया गया उनकी कपड़ा-किताबों से 

सपनों में वे पायीं कामयाबियों से 

सपनों में हमारे जुदाई के पलों की यादों से 

जी लूंगा पगली, मैं जी लूंगा ।।



टिप्पणियाँ