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आजादी के लिए सब लड़े थे

 कैसे होगी विकास हालत है ऐसी।। आजादी के लिए सब लड़े थे मिलजुल कर हिंदू , मुस्लिम, ईसाई ,सिख, जैन और बौद्ध ब्राह्मण, क्षत्रीय ,वैश्य ,शूद्र ,शेख ,सैयद, एवं पठान SC , ST , BC , OC और OBC ।। मगर जब गाद्दी पर बैठने की समय आया एक ही जाति बैठकर वह सिर्फ अपना जाति, राज्य ,प्रांत व परिवार को ही विकास की ओर लेकर गया और कुर्सी को बचाए रखने के लिए  दूसरा जाती परिवार प्रांत को दूर रखकर उनके कमजोरियों एवं मजबूरियों से प्यार कर अपमान का पहाड़ खड़ा किया परिणाम निकला अलग-अलग होना एक दूसरे पर यकीन ना कर पाना  छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाना अतएव हालत है ऐसी कैसे होगी विकास ।।

स्वर्ग में जाना नहीं चाहता हूँ। -रावण.MD

 स्वर्ग में जाना नहीं चाहता हूँ 

मुझे अच्छी तरह पता है कि 

     तुम वहाँ नहीं मिलोगी 

         क्योंकि जिस तरह 

मुझे तड़पा कर , तरसा कर ,  मोहित कर 

मेरे मन को परिताप का घर बनाया 

और वह आग बुझने नहीं दिया 

उन सभी कारणों मुझे लगता है कि 

तुम्हें स्वर्ग में जगह नहीं मिलेगी

 अतएव मैं भी 

स्वर्ग में जाना नहीं चाहता हूँ।  

              -रावण.MD


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