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आजादी के लिए सब लड़े थे

 कैसे होगी विकास हालत है ऐसी।। आजादी के लिए सब लड़े थे मिलजुल कर हिंदू , मुस्लिम, ईसाई ,सिख, जैन और बौद्ध ब्राह्मण, क्षत्रीय ,वैश्य ,शूद्र ,शेख ,सैयद, एवं पठान SC , ST , BC , OC और OBC ।। मगर जब गाद्दी पर बैठने की समय आया एक ही जाति बैठकर वह सिर्फ अपना जाति, राज्य ,प्रांत व परिवार को ही विकास की ओर लेकर गया और कुर्सी को बचाए रखने के लिए  दूसरा जाती परिवार प्रांत को दूर रखकर उनके कमजोरियों एवं मजबूरियों से प्यार कर अपमान का पहाड़ खड़ा किया परिणाम निकला अलग-अलग होना एक दूसरे पर यकीन ना कर पाना  छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाना अतएव हालत है ऐसी कैसे होगी विकास ।।

अचानक नींद खराब हुई, इसका कारण एक सपना था|

 

अचानक नींद खराब हुई, इसका कारण एक सपना था|

परिचय :-

मेरा नाम कोमल हैं, मुझे 12 बजे के बाद नींद नहीं आ रही, सोने की कोशिश कि तो कई भयंकर सपने आ रहे हैं| मैं हमेशा अकेले डरती रहती हूँ मेरी माँ के पास ही सोती हूँ और मैं भारत में रहने वाली हूँ| आज – कल मुझे फिर से भयंकर सपने आना शुरू हो गए हैं| जो कल का सपना है आप से बताना चाहती हूँ|

 

सुन लीजिए :-

इस सपने में एक लड़की आई है, कुछ लोग उस लड़की को किड़नाप कर रहे थे| उस लड़की को बचाने के लिए सारे कार ( गाड़ियाँ ) तेज़ गति से उनका पीछा कर रहे हैं|   

 

कुछ समय बाद किड़नापर्स को पता चला कि उस मासूम लड़की को किसी भी तरह बचाने के लिए कई लोग उनकी गाड़ी का पीछा कर रहे हैं, और उनमें से एक किड़नापर उस लड़की को चाकू से घायल करके सड़क के दूसरे ओर फेंक दिया| उसी रफ़्तार से किड़नापर्स की गाड़ी आगे बड़ी|

 

उस लड़की को बचाने के लिए पीछा करने वाले सब गाड़ियाँ किड़नापर्स की गाड़ी को पीछा करते चले गए हैं| लेकिन बचाने आए गाड़ियों में से किसी ने भी वहाँ सड़क पर गिरी उस लड़की को नहीं देखे!

 

मैं बिल्कुल डरी हुई थी !

 

वह प्रदेश एक गहरा जंगल था, सड़क के दोनों तरफ़ हरे - भरे पेड़ थे|

शायद वह डबुल रोड था “उस लड़की को पेट के पास दर्दनाक चोट लगी थी और खून बह रहा था|” किन्तु वह जिंदा थी, 

वह लड़की दर्द से गहरे जंगल के सड़क पर अकेले चल रही थी|

 

मुझे यह पता नहीं चला कि मैं वहाँ पर उस समय क्यूँ हूँ और क्या कर रही हूँ ?

वह सफ़ेद कपड़े पहनी हुई लड़की धीरे से मेरे तरफ़ आने लगी, वह लड़की मेरे पास पहुंचते – पहुंचते छोटी बन गई है| वह एक गुड़िया की तरह छोटी बन चुकी है!

 

फ़िर पता चला की वह मुझे कुछ करने ही आ रही है ! अब मैं क्या करूँ ?

उस लड़की का मुंह ठीक से नहीं दिख रहा हैं, बिना सोचे समझे उस छोटी आकार वाली लड़की को मेरे पैर से कुचल दिया ‘वह छोटी आकार वाली लड़की अचानक वहाँ से गायब हो गाई हैं|’  

 

कल रात का सपना पढ़कर आप को कैसा लगा कॉमेंट में लिख कर बताइए,,,,

पात्र : कोमल
टंकण कार्य : मणिकांत

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