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MahaabhojMD
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कुछ पागल पुलिस कुत्तों के,
कई हरामी राजनीति हाथियों के,
कानून के कलंकों के ,
कड़वा कामचोरों के ,
लालची लोमड़ीओं के ,
बातों से बहकाये बंदरों के
तिनके की सहारा से
अपने लोगों को उंगली दिखा कर ,
खुद बदनाम होकर ,
अपनों को भी बदनाम करवा कर ,
खेत को हाथ में लेने को कोशिश कर रहे हो ।
मगर रे ! मूर्ख याद रख
बटवारा साम्राज्यवाद वालों का इच्छा होती है
उनका इच्छा को सफल बनाने हेतु
हम लोगों के बीच लालच पैदा किए हैं ।
उनके जाल में तुम फस कर
हमें भी फँसा कर
परोपकार से, खुशी से, चैन से,
जीने वाले गाँवों को
राजनीति , लालच , ईर्ष्या , द्वेष, बेकाम आदि से
भरा शहर बना दिया ।
हम दोनों को लड़ाई से मुक्त करने-करवाने हेतु
हरामी हाथी, पागल कुत्ता, कानून कलंक,
जैसा मानव रूपी हरामखोर जानवर
बीच में टांग अड़ा कर
तुम्हारा मेरा पैसों से महल बनवा कर ,
गाड़ियाँ खरीद कर
अपने जिंदगी को जी रहे हैं आराम से..
मगर हम कर्ज चुकाने में
परिवार को भूखा रखने में,
त्योहार , शादी जैसे
परिवार के उत्सवों से दूर रहने में
शोक मनाते हुए
मार खाके रोया नहीं जैसा
हालत बनाने में
व्यस्त जिंदगी गुजर रहे हैं ।
इसलिए चेतावनी दे रहा हूँ कि
अब तो जीओ आँखें खोल कर
वरना बुरा काम करने की फैसला लेने की पाश्चात
अच्छा काम के बारे में सोच नहीं सकता ।
- रावण.MD
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