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आजादी के लिए सब लड़े थे

 कैसे होगी विकास हालत है ऐसी।। आजादी के लिए सब लड़े थे मिलजुल कर हिंदू , मुस्लिम, ईसाई ,सिख, जैन और बौद्ध ब्राह्मण, क्षत्रीय ,वैश्य ,शूद्र ,शेख ,सैयद, एवं पठान SC , ST , BC , OC और OBC ।। मगर जब गाद्दी पर बैठने की समय आया एक ही जाति बैठकर वह सिर्फ अपना जाति, राज्य ,प्रांत व परिवार को ही विकास की ओर लेकर गया और कुर्सी को बचाए रखने के लिए  दूसरा जाती परिवार प्रांत को दूर रखकर उनके कमजोरियों एवं मजबूरियों से प्यार कर अपमान का पहाड़ खड़ा किया परिणाम निकला अलग-अलग होना एक दूसरे पर यकीन ना कर पाना  छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाना अतएव हालत है ऐसी कैसे होगी विकास ।।

क्या हाल है ?


क्या हाल है ? 

हाल किस से पूछूं भाई ?
खुद का हालत ख़राब भाई...!
क्या? हाल पूछने से मुकुट नीचे गिरेगा...!
क्या? दूसरों की मदद करने से दिल टूटेगा...!
रिश्ते टूट चुके हैं क्या ?...
बात बिगाड़ चुकीं हैं क्या ?.....
दुनिया में तो पूरी तरह फ़ैल रहा है...!
तो कलंक किस को लगायेंगे ? चीनी को या Corona virus को ?

आज कल तो समाधान भी सावधान रह गया ....!
फिर प्रश्न किससे पूछूं भाई? हाल किसे पूछूं भाई....?
Corona दुनिया अलविदा कब कहेगा ?
विदा कब लेगा भाई! 
इसी बात को लेकर घर में और कहीँ बाहर मुसीबत में कुछ लोग फंस हुए हैं....! उन्हें मदद करना चाहिए....और उनसे हाल भी पूछना चाहिए था।
इस में कोई बुराई नहीं होती है भाई....!
पूरे संसार शोक संकट में डूब गये।इस समय दुसरों की मदद करने से कोई नुकसान नहीं होगा।
हम इंसान हैं भाई!
इंसानियत हममें हैं इस लिए दूसरों की मदद करो और उनसे पूछो भाई...! क्या हाल है?
क्या हाल है?



written by Dayyala obulesu

लेखक दय्यला ओबुलेसु


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Mentor : Bedanta Gogoi and Dhanunjai

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14 March 2020 @Khs Agra

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