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mani
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हमारे आभार और अभिनंदन
आँखे खुलने के
अगले पल से
बंधन के लिए ,
जिम्मेदारी के
लिए ,
परिवार के लिए ,
अपने आँखे सझकर ,
आपस में आत्मीयता
बांटकर ,
अपनों के लिए
दिन-रात मेहनत
करके ,
अपनों के सपनों
को
साकार करने हेतु निन्दएँ सहनके ,
अपनों के भविष्य
के लिए ,
अपने परिवार को सुंदरवन बनाने वाली
स्त्री के चरणों
को ,
इस कविता समर्पित
करते हुए
सारे संसार की
स्त्रीयों को
हमारे
आभार और अभिनंदन ।।
Credits to vijay
Source : google
"Translated poetry from Telugu to Hindi"
Published by Mahaabhoj blog
Editors "Masipogu Chinna Mahadevudu and Manikanth"
photo credits to wikimedia
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