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आजादी के लिए सब लड़े थे

 कैसे होगी विकास हालत है ऐसी।। आजादी के लिए सब लड़े थे मिलजुल कर हिंदू , मुस्लिम, ईसाई ,सिख, जैन और बौद्ध ब्राह्मण, क्षत्रीय ,वैश्य ,शूद्र ,शेख ,सैयद, एवं पठान SC , ST , BC , OC और OBC ।। मगर जब गाद्दी पर बैठने की समय आया एक ही जाति बैठकर वह सिर्फ अपना जाति, राज्य ,प्रांत व परिवार को ही विकास की ओर लेकर गया और कुर्सी को बचाए रखने के लिए  दूसरा जाती परिवार प्रांत को दूर रखकर उनके कमजोरियों एवं मजबूरियों से प्यार कर अपमान का पहाड़ खड़ा किया परिणाम निकला अलग-अलग होना एक दूसरे पर यकीन ना कर पाना  छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाना अतएव हालत है ऐसी कैसे होगी विकास ।।

साहित्य अकादमी पुरस्कार (हिन्दी )

 साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में साहित्य के क्षेत्र में दिया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पुरस्कार है। यह पुरस्कार हर साल भारतीय भाषाओं में लिखी गई उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियों को दिया जाता है।

2019 , नंदकिशोर आचार्य कविता “छीलते हुए अपने को”

 2020 अनामिका कविता “टोकरी में दिगंत – थेरी ।

2021 दया प्रकाश सिन्हा नाटक “सम्राट अशोक”

2022 बद्री नारायण कविता संग्रह “तुमड़ी के शब्द”

2023 संजीव जी उपन्यास ‘मुझे पहचानो’

2024 गगन गिल कविता संग्रह ‘जब मैं दिल्ली में था’









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