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आजादी के लिए सब लड़े थे

 कैसे होगी विकास हालत है ऐसी।। आजादी के लिए सब लड़े थे मिलजुल कर हिंदू , मुस्लिम, ईसाई ,सिख, जैन और बौद्ध ब्राह्मण, क्षत्रीय ,वैश्य ,शूद्र ,शेख ,सैयद, एवं पठान SC , ST , BC , OC और OBC ।। मगर जब गाद्दी पर बैठने की समय आया एक ही जाति बैठकर वह सिर्फ अपना जाति, राज्य ,प्रांत व परिवार को ही विकास की ओर लेकर गया और कुर्सी को बचाए रखने के लिए  दूसरा जाती परिवार प्रांत को दूर रखकर उनके कमजोरियों एवं मजबूरियों से प्यार कर अपमान का पहाड़ खड़ा किया परिणाम निकला अलग-अलग होना एक दूसरे पर यकीन ना कर पाना  छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाना अतएव हालत है ऐसी कैसे होगी विकास ।।

बड़े भाई साहब' सारांश

 बड़े भाई साहब' मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गई एक शिक्षाप्रद कहानी है। 

यह कहानी दो भाइयों के रिश्ते पर आधारित है। 

बड़ा भाई अपने छोटे भाई को हमेशा समझाता है और उसे गलत रास्ते पर जाने से रोकता है। 

वह उसे किताबों से प्यार करना सिखाता है और उसे जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित करता है।

यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें हमेशा अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए और उनकी सलाह माननी चाहिए। 

यह हमें यह भी सिखाती है कि शिक्षा हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है।

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