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सच है सनम

 सच है सनम सदा रही मन, तेरी सपनों में वैसे भी संपूर्ण नींद सोकर भी हुए बहुत साल  हर दिन सोना पडरहा है जबरदस्ती से  न जाने कितने सोचुं पर आशिक़ी सुनने तो देखने तो बोलने तो पढ़ने तो लिखने तो सनम तेरी कसम सिर्फ तुम ही याद आती हो न मिलोगी माने जानने के बावजूद तेरे फोटो देख कर मन को शांत कर देता हूँ ।।

दो बैलों की कथा समीक्षा


शीर्षक : दो बैलों की कथा (मुंशी प्रेमचंद)

विधा : नैतिक और प्रेरणादायक कहानी।

मुख्य विषय : विपरीत परिस्थितियों में सच्ची मित्रता, स्वतंत्रता के प्रति प्रेम और एकता का महत्व।

सारांश : कहानी दो बैलों—हीरा और मोती—की है, जिन्हें उनके मालिक झूरी के ससुराल भेजा जाता है। वे वहाँ से भागने की कोशिश करते हैं, जो उनकी स्वतंत्रता की चाह को दर्शाता है। कठिनाइयों (जैसे कठोर मालिक और काँजीहौस में कैद) के दौरान भी वे एकजुट रहते हैं और अंत में सफलतापूर्वक अपने प्रिय मालिक के पास लौट आते हैं।

चरित्र:  हीरा और मोती निस्वार्थ मित्रता और साहस का प्रतीक हैं। उनका व्यवहार बताता है कि पशु भी भावनात्मक होते हैं और स्नेह के भूखे होते हैं।

नैतिक सीख:  इस कहानी से तीन मुख्य सीख मिलती हैं: 

1. सच्ची मित्रता कभी नहीं टूटती।

 2. स्वतंत्रता सबसे बड़ा सुख है। 

3. एकता में ही सबसे बड़ी शक्ति है।

निष्कर्ष:  यह कहानी दया, साहस और भाईचारे जैसे ज़रूरी जीवन मूल्यों को बहुत ही सरल और मार्मिक ढंग से सिखाती है। छात्रों के लिए यह प्रेरणा का उत्तम स्रोत है।

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