माननीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों,
आज हम सब भारत का 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए यहां इकट्ठा हुए हैं। यह वह दिन है जब हमें ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी।
हमारे स्वतंत्रता सेनानियों - महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, और कई अन्य लोगों ने इस आजादी के लिए बहुत कुर्बानियाँ दी हैं। उनका संघर्ष और बलिदान हमें हमेशा याद रहेगा।
आज, जब हम आजादी का जश्न मना रहे हैं, तो हमें यह भी सोचना चाहिए कि हम एक राष्ट्र के रूप में कैसे आगे बढ़ सकते हैं। हमें शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक समानता के क्षेत्रों में काम करना है।
हम सभी को मिलकर एक मजबूत और विकसित भारत का निर्माण करना होगा। हमें अपने देश की विविधता का सम्मान करना चाहिए और एक-दूसरे के साथ मिलकर रहना चाहिए।
आइए, हम सब मिलकर शपथ लें कि हम एक जिम्मेदार नागरिक बनकर अपने देश को और भी महान बनाएंगे।
जय हिन्द! जय भारत!
भाषण (Speech in 5 minutes) :
आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, मेरे प्रिय शिक्षकोंऔर मेरे प्यारे दोस्तों,
आज हम सभी भारत का 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं। यह दिन सिर्फ एक छुट्टी नहीं, बल्कि हमारे गौरवशाली इतिहास और अनगिनत बलिदानों का प्रतीक है।
आज से 79 साल पहले, 15 अगस्त 1947 को, भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली थी। यह आजादी हमें आसानी से नहीं मिली। इसके पीछे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों का संघर्ष, त्याग और बलिदान छिपा है। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग से अंग्रेजों को चुनौती दी। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु जैसे वीर क्रांतिकारियों ने अपनी जवानी देश पर न्योछावर कर दी। सुभाष चंद्र बोस ने "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूँगा" का नारा देकर लाखों युवाओं में जोश भर दिया। रानी लक्ष्मीबाई, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे अनगिनत वीरों के प्रयासों से ही हमें यह आजादी मिल पाई।
आज जब हम खुली हवा में साँस ले रहे हैं, तो हमें इन सभी महान आत्माओं को नमन करना चाहिए।
दोस्तों, आजादी का मतलब सिर्फ राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं है। इसका असली अर्थ है एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना जो हर क्षेत्र में मजबूत हो। आज भी हमारे सामने कई चुनौतियाँ हैं, जैसे गरीबी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार और प्रदूषण। इन चुनौतियों से लड़ना हम सबका कर्तव्य है। हमें याद रखना होगा कि हमारे सैनिक सरहद पर देश की रक्षा करते हैं, और हम सब नागरिक बनकर देश के भीतर उसकी प्रगति की रक्षा कर सकते हैं।
एक छात्र के रूप में हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है कि हम अपनी शिक्षा को गंभीरता से लें। शिक्षा ही वह हथियार है जो हमें और हमारे देश को आगे ले जा सकता है। हमें सिर्फ किताबें नहीं पढ़नी हैं, बल्कि एक अच्छा इंसान बनना है। हमें अपने समाज में सद्भावना, एकता और भाईचारा बनाए रखना है।
आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम अपने देश को और भी महान बनाएंगे। हम ऐसा काम करें कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सपना सच हो। हम एक ऐसा भारत बनाएं जहां हर कोई शिक्षित हो, स्वस्थ हो और सबको समान अवसर मिले।
यही हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
जय हिन्द!
जय भारत!
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