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सच है सनम

 सच है सनम सदा रही मन, तेरी सपनों में वैसे भी संपूर्ण नींद सोकर भी हुए बहुत साल  हर दिन सोना पडरहा है जबरदस्ती से  न जाने कितने सोचुं पर आशिक़ी सुनने तो देखने तो बोलने तो पढ़ने तो लिखने तो सनम तेरी कसम सिर्फ तुम ही याद आती हो न मिलोगी माने जानने के बावजूद तेरे फोटो देख कर मन को शांत कर देता हूँ ।।

मिटा गम

 दूसरों की तारीफ के लिए 

दूसरे खुद आकर बात करने के लिए तरसते हैं क्यों 

जज्बातों से नहीं अकल से काम लेना है 

टेंशन देने का है लेने का नहीं 

लगा दम, मिटा गम।।

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