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सच है सनम

 सच है सनम सदा रही मन, तेरी सपनों में वैसे भी संपूर्ण नींद सोकर भी हुए बहुत साल  हर दिन सोना पडरहा है जबरदस्ती से  न जाने कितने सोचुं पर आशिक़ी सुनने तो देखने तो बोलने तो पढ़ने तो लिखने तो सनम तेरी कसम सिर्फ तुम ही याद आती हो न मिलोगी माने जानने के बावजूद तेरे फोटो देख कर मन को शांत कर देता हूँ ।।

कमी है इंसानियत ,ज्यादा है क्रुरता एवं लालच

बनना चाहुंगा पागल

नहीं समझ पाता है

नहीं चाहिए प्रभु हमें तुम्हारी भाषा

तेरे तेवर

जिंदगी का रस

जवानी में जीवन सदा रहना है तो

कामयाबी का अर्थ

कितनी अच्छी है आशा

मेरा कितना कसूर है

आप अच्छे है तो होंगे